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सावधान… खाद बेचने वाले डीलर्स, किसानों के यूरिया का गलत इस्तेमाल किया तो सस्पेंशन का बढ़ेगा खतरा

यमुनानगर में कृषि विबाग की बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है…चंडीगढ़ औऱ पंचकूला से आई टीम ने यूरिया खाद बेचने वाली करीब 10 दुकानों पर रेड की, मौके पर कई खामियां पाई गई , टीम ने 6 कृषि किसान खाद केंद्रों को सस्पेंड कर दिया है

हरियाणा में खाद की कमी को लेकर बीती सर्दियों की वो तस्वीर जहन में ताजा हो जाती है जब किसान धुंध में ही लंबी-लंबी लाइनों में यूरिया खाद को लेकर लगता था और बहुत से किसान दोपहर होते-होते खाली हाथ घर लौटते थे इसी को लेकर प्रदर्शन भी हुए और कई किसानों की मौत भी हुई है…ये एक सच है कि किसानों की फसल में इस्तेमाल होने वाला यूरिया भारी मात्रा में प्लाईवुड इंडस्ट्रीज में अवैध तरीके से इस्तेमाल होता है यमुनानगर में कई बार प्लाईवुड मालिक गलू बनाने में किसानों को मिलने वाले यूरिया का इस्तेमाल करते हैं ऐसे में यमुनानगर में चंडीगढ़ और पंचकूला से आई स्पेशल टीम ने करेड़ा खुर्द गांव की करीब 10 दुकानों पर रेड की तो कई डीलर मौके से फरार हो गए टीम ने ऐसे डीलर्स पर तुंरत कार्रवाई भी की

चंडीगढ़ से आई टीम ने यूरिया बेचने वाली दुकानों पर की रेड, 6 कृषि किसान खाद केंद्रों को किया सस्पेंड

कृषि विभाग के अधिकारी प्रदीप मिल ने बताया कि लंबे समय से ऐसी शिकायतें मिल रही थी की एग्रीकल्चर यूरिया का प्लाईवुड फैक्ट्रियों में धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है उन्होने प्लाईवुड मालिकों से अपील की है कि किसानों के लिए इस्तेमाल होने वाले यूरिया खाद का उपयोग ना करें

प्लाईवुड फैक्ट्री के लिए इस्तेमाल होने वाले यूरिया खाद की कीमत करीब 4200 रुपए है तो किसानों को वो खाद करीब 300 रुपए प्रति बोरी मिलता है ऐसे में फ्लाईवुड फैक्ट्री संचालक खाद बिक्री केंद्रों से अवैध तरीके से कम कीमत पर यूरिया की बोरियां लेते हैं जिससे किसानों को मिलने वाली खाद की कमी हर बार देखने को मिलती है खासकर यमुनानगर में तो ये बाकी जिलों के मुकाबले यहां खाद की किलल्त ज्यादा होती है क्योंकि यहां प्लाईवुड फैक्ट्रियां ज्यादा हैं ऐसे में कृषि विभाग की इस कार्रवाई से वो डीलर जरूर सचेत हो जाएंगे जो एग्रीकल्चर यूरिया को फ्लाईवुड फैक्टियों में भेजते हैं

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