मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री ने की बैठक
कलम बाण चंडीगढ़
नरेश सरोहा : हरियाणा सरकार अनुसूचित जाति के छोटे उद्यमियों को प्रमुख उद्योगों के साथ जोड़ने के लिए व्यापक योजना बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है ताकि सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसएमई) के विकास को बढ़ावा मिल सके। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने अपने आवास संत कबीर कुटीर पर दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और विभिन्न पहलों पर विचार-विमर्श किया। नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार पहले से एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं चला रही है। अब अनुसूचित जाति के छोटे उद्यमियों की सहायता के लिए भी नई योजनाएं बनाने की दिशा में बढ़ रहे हैं, ताकि छोटे उद्यमियों को बड़े बाजार उपलब्ध हो सके जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) के साथ मिलकर नई योजनाएं बनाने पर विचार किया जाएगा, ताकि प्रदेश में अनुसूचित जाति के छोटे उद्यमियों को आगे बढ़ने के अवसर मिल सकें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को भी डिक्की द्वारा चलाई जा रही पहलों और अन्य राज्यों द्वारा अपनाई जा रही बेस्ट प्रैक्टिसिस का अध्ययन करने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार युवा उद्यमियों को विदेशों में माल निर्यात करने की दिशा में भी सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग और विदेश सहयोग विभाग के अधिकारियों को दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के साथ मिलकर इस दिशा में रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विदेश सहयोग विभाग द्वारा पहले से युवाओं को विदेशों में रोजगार के अवसर मुहैया करवाने और औद्योगिक इकाइयों को विदेशों में उत्पाद निर्यात करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
सरकार का ध्येय अधिक से अधिक युवा बनें उद्यमी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का ध्येय यही है कि अधिक से अधिक युवा उद्यमी बनें ताकि वे नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बन सकें। साथ ही, स्टैंडअप इंडिया और मुद्रा योजना जैसी फ्लैगशिप योजनाओं के माध्यम से युवाओं को नये उद्यम शुरू करने के लिए आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है। हरियाणा सरकार ने भी प्रदेश में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय स्थापित किया है, जिसमें युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें रोजगार योग्य बनाया जा रहा है।