पलवल ,होडल में बिजली विभाग के कार्यकारी अभियंता संजीव दलाल ने नवजीवन चेरिटेबल ब्लड बैंक से थेलिसिमिया से पीड़ित 27 बच्चों को कराया निशुल्क रक्त उपलब्ध। उन्होंने कहा की वह इन बच्चों को हर महीने अपनी तरफ से निशुल्क रक्त दिया करेगें। इन बच्चों में एक पिता के दो बच्चे थेलिशिमिया बीमारी से पीड़ित हैं और एक के दो बच्चों की मौत हो चुकी है और यह उसके तीसरे बच्चे को भी बीमारी है। इस वजह से इन बच्चों के माता पिता बहुत ही मुश्किल की घड़ी में हैं।
अब्दुल जिला नुहुं इसके इस बीमारी से पहले दो बच्चों की मौत हो गई और तीसरा बच्चा भी इस बीमारी से पीड़ित है।
होडल शहर में स्थित नवजीवन चैरिटेबल ब्लड सेंटर में पिछले दिनों से आई रक्त की कमी के चलते थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों की जान पर बन आई लेकिन फोन की सूचना पर बिजली निगम के कार्यकारी अभियंता ने अपने साथियों के साथ रक्तदान कर थैलीसीमिया पीड़ित चार बच्चों को उपलब्ध हो पाया रक्त। आपको बता दें की शहर में 27 थैलीसीमिया बच्चे ऐसे है जिन्हें दस से बीस दिन में रक्त की जरूरत पड़ रही है। बाबरी मोड़ स्थित नवजीवन चैरिटेबल ब्लड सेंटर में थैलीसीमिया पीड़ित दो बहन भाई रौनक 9 वर्ष ,नैतिक 13 वर्ष निवासी भुलवाना व नूंह के अल्फाज 3 वर्ष के साथ हसीन 6 वर्ष निवासी देवरिया नगरिया के चार बच्चे अचानक रक्त के लिए पहुंचे लेकिन उनके ग्रुप का रक्त उपलब्ध नही होने से परिजनों की जान पर बन आई । थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए रक्त की कमी की सूचना ब्लड सेंटर के संचालक सतीश कुमार ने फोन पर बिजली निगम के कार्यकारी अभियंता संदीप दलाल को दी। थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए एक फोन कॉल पर कार्यकारी अभियंता ब्लड सेंटर पर मधुसूदन भारद्वाज ,जयदेव गर्ग ,ऋषि भारद्वाज सहित तीन साथियों को लेकर पहुंच गए और थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए रक्तदान कर पीड़ित बच्चों को रक्त उपलब्ध कराया।
खास बात=====थैलेसीमिया पीड़ित एक बच्चे के दो भाइयों की बीमारी से मौत हो चुकी है ।
थैलेसीमिया पीड़ित 6 वर्षीय हसीन के पिता अब्दुल ने जानकारी देते हुए बताया की थैलेसीमिया बीमारी से पीड़ित उसके दो बेटों की मौत हो चुकी है जबकि तीसरा बेटा भी इस बीमारी से पीड़ित है ।वहीं गांव भूलवाना निवासी मनमोहन ने जानकारी देते हुए बताया की उसके दो बच्चे हैं रौनक 9 वर्ष ,नैतिक 13 वर्ष इन दोनों को थैलीशिमिया बीमारी है और इनको हर महीने रक्त चढ़ाया जाता है। उन्होंने कहा की देश के अंदर इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है और विदेश में इलाज है जी काफी मंहगा है। इस वजह से उनके दोनों बच्चों को हर महीने रक्त चढ़ाया जाता है।
उन्होंने बिजली निगम के कार्यकारी अभियंता संदीप दलाल और उनके साथियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनकी वजह से आज इन बच्चों की जान बच पाई है। वंही बिजली निगम के कार्यकारी अभियंता संदीप दलाल ने लोगों से थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए रक्तदान करने की अपील करते हुए कहा की मानव जीवन के अलावा रक्त का कोई अन्य स्रोत नहीं है जबकि भी इस बीमारी से पीड़ित बच्चों के लिए महीने में दो बार रक्त चढ़ाया जाता है उन्होंने कहा कि वह थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए वर्ष में चार बार रक्तदान करते हैं।