कुरुक्षेत्र किसानों ने 24 नवंबर को सर छोटू राम जयंती पर हरियाणा में रेल रोको आंदोलन की दी चेतावनी
कुरुक्षेत्र -किसानों ने 24 नवंबर को सर छोटू राम जयंती पर हरियाणा में रेल रोको आंदोलन की दी चेतावनी। अंबाला के मोहरा अनाज मंडी में 24 नवंबर को किसान होंगे एकत्रित , रेलवे ट्रैक पर लगाएंगे डेरा। आज कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला में भारतीय किसान यूनियन चढूनी की प्रदेश स्तरीय मीटिंग हुई । जिसकी अध्यक्षता मुख्य रूप से गुरनाम सिंह चढूनी ने की और सरकार से नाराजगी जाहिर करते हुए कई अहम फैसले लिए। जिसमें से सबसे मुख्य फैसला किसानों के द्वारा लिया गया है वह 24 नवंबर को अंबाला में रेलवे ट्रैक जाम करने का लिया गया है। जाहिर है कि जब किसानों ने दिल्ली कूच किया था तब तारीख भी यही थी और जगह भी मोहरा अनाज मंडी ही थी।
दूसरा फैसला आदमपुर में किसान किसी पार्टी को समर्थन नहीं देंगे लेकिन किसानों से अपील रहेगी की जेजेपी बीजेपी के समर्थित उम्मीदवार को वोट ना दी जाए
गुरनाम सिंह चढूनी ने आज अबकी बार किसान सरकार का नारा दिया है जिसका अर्थ है कि 2024 विधानसभा चुनाव में किसान अपनी सरकार बनाएंगे। गुरनाम सिंह चन्नी का कहना है कि सरकार ने किसानों के साथ वादाखिलाफी की है और जो वायदे किसान आंदोलन के स्थगित करने के समय किए थे सरकार उन पर खरी नहीं उतरी। सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान हुए मुकदमों को वापस लेने का ऐलान किया था लेकिन अभी तक केंद्र सरकार के द्वारा दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए गए जिसके समन किसानों के पास पहुंच रहे हैं। सरकार ने एमएसपी को लेकर भी वादा किया था लेकिन जो कमेटी एमएसपी के लिए बनाई है उसमें अधिकतर अपने ही लोगों को रखा है और संयुक्त किसान मोर्चा से केवल तीन नेताओं के नाम मांगे गए हैं ऐसे में इस कमेटी का किसानों को कोई फायदा नहीं होगा। गुरनाम सिंह चढूनी ने 2024 में होने वाले चुनाव को लेकर अबकी बार किसान सरकार का नारा दिया है ऐसे में जाहिर है कि इस बार किसान नेता चुनाव लड़ने के मूड में है। आज की मीटिंग का सबसे अहम फैसला रेल रोको आंदोलन को लेकर लिया गया गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा है कि अगर 24 नवंबर से पहले सरकार रेलवे द्वारा किए गए मुकदमों को वापस नहीं लेती तो किसान रेलवे ट्रैक पर अपना डेरा डालेंगे। किसानों ने हरियाणा में किसान भवन बनाने की भी बात कही है उन्होंने कहा है कि इन किसान भवनों को किसान खुद के द्वारा इकट्ठा किए गए फंड से तैयार करेंगे।